• रामदास कदम का अब अजित पवार पर निशाना

मुंबई: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के सीनियर नेता रामदास कदम (Ramdas Kadam) इन दिनों अपने बयानों को लेकर लगातार सुर्ख़ियों में बने हुए हैं। अपने ही दल के सांसद गजानन कीर्तिकर से दो-दो हाथ करने के बाद अब उन्होंने महायुति सरकार में शामिल राकां के डिप्टी सीएम अजित पवार (Ajit Pawar) गुट पर निशाना साधा है। उन्होंने छोटे पवार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि जब-जब सीएम एकनाथ शिंदे संकट में होते हैं, अजित को डेंगू (Dengue) हो जाता है। कदम ने कहा कि हाल ही में जब मनोज जरांगे पाटिल ने मराठा आरक्षण को लेकर आमरण अनशन शुरू किया और इस मुद्दे को सुलझाने की बड़ी चुनौती थी। ऐसे समय में डिप्टी सीएम अजित पवार की भूमिका बड़ी हो सकती थी। लेकिन उन्हें डेंगू हो गया। 

अजित की मंशा पर सवाल 
इस तरह का बयान देकर कदम ने एक तरह से अजित पवार की मंशा को लेकर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। हाल के दिनों में मराठा आरक्षण को लेकर मांग तेज होने लगी तो अजित पवार अचानक मंत्रालय से गायब हो गए थे। वहीं उन्होंने कैबिनेट की बैठक में भी भाग नहीं लिया था। बाद में उनकी पार्टी के सीनियर नेता प्रफुल्ल पटेल ने डिप्टी सीएम के डेंगू से पीड़ित होने की बात कही थी।

अजित दादा की राजनीति पर भरोसा नहीं

रामदास कदम ने कहा कि जिस तरह से उपमुख्यमंत्री अजित पवार के फैसले होते हैं। ऐसे में उन पर कोई भरोसा नहीं किया जा सकता है। उपमुख्यमंत्री बनने के बाद अगर आप  राकां अध्यक्ष शरद पवार से मिलते हैं यह हम समझ सकते हैं लेकिन इन दिनों जो चल रहा है। यह समझ से बाहर है। वहीं आखिर बार-बार अजित दादा को गुस्सा क्यों आ जाता है, उनके विधायक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ मराठा आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन करते हैं। यह भी एक बड़ा विरोधाभास है। 

संभल कर बोले कदम : सूरज चव्हाण
रामदास कदम की आलोचना पर अजित पवार गुट ने भी पलटवार किया है। पार्टी नेता सूरज चव्हाण ने कहा कि डिप्टी सीएम के बारे में बोलने के लिए रामदास कदम बड़े नेता नहीं हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि कदम को संयम के साथ बोलना चाहिए, नहीं तो इसके खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ सकता है। पवार परिवार ने महाराष्ट्र में सांस्कृतिक संरक्षण का काफी काम किया है। सभी राजनीतिक मतभेदों को भुलाकर खुशी-खुशी एक साथ आना हमारी संस्कृति है। चव्हाण ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि रामदास  कदम जैसा वरिष्ठ नेता इसे राजनीतिक रंग देने का काम कर रहा है। चव्हाण ने कदम को सलाह दी कि पवार परिवार और अजित पवार उनकी समझ से परे हैं, उन्हें उतना ही बयान देना चाहिए जितना वह समझते हैं। अन्यथा  वे मुसीबत में घिर सकते हैं।