- 11.88 लाख घरों की होगी जांच
- 20 नवंबर से 6 दिसंबर 2023 तक चलेगी मुहिम
मुंबई: बीएमसी प्रशासन ने मुंबई को टीबी और कुष्ठ रोग से मुक्त कराने के लिए एक अभियान छेड़ने का फैसला किया है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए महानगर में 3 हजार 117 स्वास्थ्य कर्मियों के दस्ते तैनात किए गए हैं, जो घर-घर जाकर टीबी और कुष्ठ रोगियों की तलाश करेंगे। ये मुहिम 20 नवंबर से 6 दिसंबर 2023 तक चलाई जाएगी। कुल 11 लाख 88 हजार घरों में अनुमानित 4.9 लाख लोगों की जांच की जाएगी।
बीएमसी से मिली जानकारी के अनुसार मनपा क्षेत्र में वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। साथ ही राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के दिशा-निर्देशों के अनुसार वर्ष 2030 तक कुष्ठ रोग उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए 3 हजार 117 लोगों की टीमों का गठन किया गया है। इस टीम द्वारा जांच के दौरान पाए गए नए रोगियों का पंजीयन किया जाएगा। इन मरीजों को बीएमसी के नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों, क्लीनिकों और अस्पतालों में भर्ती कराया जाएगा। इसके बाद आगे की स्वास्थ्य जांच और इलाज निःशुल्क प्रदान किया जाएगा।
टीबी मरीजों के लिए विशेष सुविधाएं
बीएमसी के सभी 24 डिवीजनों में 28 सीबीएनएएटी चिकित्सा प्रयोगशालाओं में संचालित 42 सीबीएनएएटी मशीनों के माध्यम से टीबी रोगियों को सेवाएं मुहैया कराई जाती हैं। मुंबई में टीबी रोगियों के लिए 211 स्वास्थ्य केंद्र और 186 क्लीनिक, 16 सामान्य अस्पताल, 5 मेडिकल कॉलेज और 200 निजी क्लीनिक काम कर रहे हैं। मल्टी ड्रग प्रतिरोधी टीबी रोगियों के लिए पूरे मुंबई में 27 डीआर टीबी उपचार केंद्र हैं। इनमें से 7 डीआर टीबी उपचार केंद्र निजी हैं। केंद्रीय टीबी रोग विभाग के माध्यम से मरीजों के बैंक खाते में 500 रुपए प्रति महीने जमा किए जाते हैं।
कुष्ठ रोगियों का मुफ्त इलाज
कुष्ठ रोगियों के इलाज के लिए भी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त सुविधा है। कुष्ठ रोग दो प्रकार का होता है। गैर-संक्रामक कुष्ठ रोग और संक्रामक कुष्ठ रोग। बहु-औषधि उपचार से कुष्ठ रोग पूरी तरह से ठीक हो सकता है। गैर-संक्रामक मरीजों को 6 महीने और संक्रामक रोगियों को 1 वर्ष की अवधि के लिए दवा दी जाती है।
टीबी रोग के लक्षण
रोगियों की त्वचा पर हल्के व लाल रंग के धुंधले धब्बे या निशान। मोटी, सुस्त तैलीय चमकदार त्वचा, कानों का मोटा होना, भौंहों के बालों का पतला होना, हथेलियों और तलवों में झुनझुनी, सुन्नता और चोट, टेढ़ी उंगलियां, हाथ और पैरों में कमजोरी, चलते समय चप्पल गिरना आदि लक्षण शामिल हैं।
स्वास्थ्य कर्मियों से सहयोग की अपील
डॉ. दक्षा शाह, बीएमसी की कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि इस अभियान में प्रारंभिक जांच के दौरान पाए गए टीबी और कुष्ठ रोग के संदिग्धों की जांच नजदीकी मनपा अस्पताल में की जाएगी। टीबी रोग के लिए बलगम जांच और एक्स-रे जांच मुफ्त की जाएगी। घर-घर स्वास्थ्य जांच के लिए आने वाले स्वास्थ्य कर्मियों का लोग सहयोग करें। बीमारी के लक्षण दिखने पर मरीज शीघ्र मनपा या सरकारी अस्पताल से संपर्क करें और बिना घबराए इलाज कराएं।