लॉटरी माफिया पर मेहरबान उल्हासनगर सीनियर PI ?

hindmatamirror
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उल्हासनगर और अंबरनाथ में जुआ घर जैसे मटका क्लब अंदर बाहर सहित मोबाइल में ऑनलाइन लॉटरी के साथ आजकल लाटरी के शॉप भी खुले आम चालू हो गए हैं। यह सब धंधे वालों को पहले शुरुआत में एक छोटे से कांस्टेबल जो सेंट्रल पुलिस स्टेशन में तैनाद है शिंदे जिसका नाम है। वही सब धंदेवालो से वसूली कर पूरे जोन के अधिकारी और कर्मचारियों को खुश रखता था और अभी भी रख रहा है। पर आजकल दो चार शिंदे जैसे दलाल अलग-अलग जॉन 4 के पुलिस स्टेशन में तैनात होकर वसूली में लगे हुए हैं। जैसे अलग-अलग पुलिस स्टेशन के सीनियर के पास अलग-अलग वसूली करने वाला बिना वर्दी पहने हुए लखपति वसूलीबाज जिनके वजह से क्रिमिनल लोगों को बढ़ावा मिल रहा है। तभी कुछ महीनो से उल्हासनगर खासकर उल्हासनगर पोलिस स्टेशन के हद में क्राइम बढ़ते जा रहा है। IPC 307', तो कभी रोबरी ,कभी विनय भांग, के मामले दिखानेरको मिल रहे, जिसका सीदा कारण है वसूलीबाज पाटिल, ऐसे ही इस काम में महारत हासिल करने में शिंदे के भी बाप बनते जा रहे हैं। पाटिल बंधु जो एक भाई विट्ठलवाड़ी की हद के सीनियर को अपने नीचे दबा कर खुले आम श्रीराम चौक को डांस बार के हब बनाए हुए हैं। वहीं दूसरा भाई उल्हासनगर पुलिस के हद में खुले आम क्लब मटका ऑनलाइन लॉटरी तो कहीं जगह खुले लॉटरी के शॉप बीच बाजार खोले हुए हैं। लॉटरी भी वह जो गवर्नमेंट की लीगल ना हो के एक मटके जैसे 15/15 मिनट में खुलने वाली मटका बाजार के जैसे। 


जिसमें लाखों रुपए तो घोर गरीब ,नादान ना समाज के बच्चे स्टूडेंट तो तो कभी व्यापारी लोग के लूट जाते हैं तो वही लीगल रजिस्टर न होने के चलते लाखों रुपए का जीएसटी का चुना भी गवर्नमेंट को लगाया जाता है। वही चुना लगाया हुआ पैसे सीनियर पी आई और बड़े अधिकारियों के जेब और घर तक पहुंचाने का काम पाटिल भाई करते है।



आज यह भाई अपने आप में एक जुआ खेलने और चलाने वालों के बीच एक ब्रांड हो गए हैं। इतने पैसे बन चुके हैं जो उनको उनके असली पैसे वर्दी पहनने में भी तकलीफ होती है। दो कांस्टेबल होते हुए भी एक आईपीएस के जैसे अपने निजी कार में घूमते हैं ,जैसे इनको देख के कोई असली आईपीएस भी शर्मा जाए ! खैर यह तो हुई हमारे राम भरोसे रहने वाली पाटिल ब्रदर्स की...

अब बात करते है। उल्हासनगर के सीनियर पी आई फूलपगारे जी की.... यह वो अधिकारी है जिसको यहां आए हुए थे 13 महीने हो गए। मजाल है तो एक भी बड़ी क्राइम की वारदात हुई हो, ना कभी यहां रेप हुआ, ना किडनैपिंग, ना किसी से लूटमार, ना कभी एक गली मोहल्ले में कभी आज तक एक क्लब. मटके. लॉटरी का धंधे तक खुला है। ये अधिकारी आने से उल्हासनगर में राम जितेंद्र राज्य आ गया है। तभी तो आज तक थाने पुलिस के क्राईम डिपार्मेंट तक या किसी लॉटरी पर रेड नहीं की ,ना किसी क्लब में कोई रेट तक हुई है क्यों कि हमारा BINA पघारे साहब जिसको पाटिल भाई पगार देते हैं। इन्होंने आज तक एक बुरे काम को सपोर्ट नहीं किया एक झूठा केस मारा मारी को भी लूटमार का केस करके दाखिल नहीं किया। ना ही किसी पत्रकार को कोई सच्ची न्यूज़ लिखने के लिए लॉकडाउन के टाइम के एक मामले को आजकल के टाइम दिखा कर कभी केस दाखिल नहीं किया, ना बाबा ना ....कभी नही....

यह महान साहब के होते हुए कभी किसी क्लब वाले की मजाल है जो दिन में खुले आम कोई शॉप खोल सके। यह तो थाने क्राइम ब्रांच तो कभी यूनिट 3 के अधिकारी ऐसे उल्हासनगर की हद में गुस्स आते हैं और ऐसे ही रेट कर 6/7 लोगों को अरेस्ट कर देते हैं ,ऐसे ही एक दो लॉटरी माफिया को फरार दिखा देते हैं ,यह क्राइम यूनिट वाले तो सिर्फ हमारे महान ईमानदार फूल पगारे साहब का नाम खराब करना आता हैं। हम ऐसे ईमानदार साहब साहब के खिलाफ कुछ ऐसे होते देख चुप नहीं रह सकते और हम ऐसे ही उनकी ईमानदारी की दास्तान ऐसे ही आपके सामने लाते रहेंगे ,फिर आजकल हमारे ईमानदार SAAB अपने 13 महीने की इमानदारी से कमाए हुए मेहनत की कमाई जो जमा की है। उसका हिसाब कर एक अपनी नई पोस्टिंग की तैयारी कर रहे हैं क्योंकि कोई भी नई पोस्टिंग वह भी क्रीम वाली क्रीम मलाई वाली पोस्टिंग के लिए माता लक्ष्मी जी का सिंदूर ऊपर तक लगाना जरूरी है ,बाकी काम तो उसके पाटिल गैंग के लोग कर देंगे। सिंदूर साहब का तिलक यह पाटिल करवा देंगे। किसी बड़े अधिकारी को फूलपगारे साहब का तिलक लगा लेंगे, वोकहते हैं। ना लक्ष्मी मेहरबान तो नादान भी धनवान बाकी तो ईमानदारी की दास्तान इन महान साहब की होगी। तो वह हम प्रकाशित करते रहेंगे फिलहाल तो लॉटरी माफिया तो मस्त दिवाली की शॉपिंग में बिजी हो गए हैं। साथ-साथ हमारे साहब भी पिकनिक मनाने की प्लानिंग में लगे हुए हैं ऐसे ही ईमानदारी का खुलासा हिंदमाता करता रहेगा... जय हो हमारे सरकार के पगार पर जीने वाले ईमानदार फूलपगारे साहब की

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