महाराष्ट्र में शिवसेना विधायकों के अयोग्यता वाले मामले को लेकर गुरुवार लगातार तीसरे दिन भी सुनवाई हुई. विधान भवन में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सुबह 11 बजे सुनवाई की शुरुआत की. बीते बुधवार की तरह ही गुरुवार के दिन भी शिंदे गुट के वकील महेश जेठमलानी ने उद्धव गुट के विधायक व मुख्य सचेतक सुनील प्रभु से कई सारे सवाल पूछे गए, जिसका सुनील प्रभु ने उत्तर दिया. ज्यादातर समय इनके बीच जिरह में ही निकल गया। इस दौरान उद्धव ठाकरे वकील देवदत्त कामत भी मौजूद रहे.
एकनाथ शिंदे गुट के वकील महेश जेठमलानी ने उद्धव गुट के विधायक व मुख्य सचेतक सुनील प्रभु से विटनेस बॉक्स में तीसरे दिन भी करीब 6 घंटे तक क्रॉस एग्जामिनेशन किया. व्हिप जारी करने को लेकर और 19 और 20 जून के दिन तत्कालीन विधानमंडल के नेता को पद से हटाने को लेकर मीटिंग बुलाई जाने और उससे प्रस्ताव पास किए जाने को लेकर भी सवाल किया गया.
सुनवाई के बीच मे विधानसभा स्पीकर ने फिर एक बार सुप्रीम कोर्ट का आदेश का हवाला देते हुए कहा कि, मुझे इस मामले में 31 दिसंबर तक समय पूरी करनी है. सार्वजनिक छुट्टियों को छोड़ दिया जाए तो मेरे पास अब इस मामले में सुनवाई पूरी करने के लिए सिर्फ 18 दिन का समय बचा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार मुझे तय समय तक सुनवाई पूरी करनी है. सुनवाई खत्म होने के बाद एकनाथ शिंदे गुट के विधायक संजय सिरसाट ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि, सुनवाई के तीसरे दिन दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई.
उद्धव ठाकरे गुट के विधायक व मुख्य सचेतक से महेश जेठमलानी द्वारा पूछे गए सवाल
- 20 जून को MLC चुनाव के लिए कितने शिवसेना विधायकों ने मतदान किया? व्हिप कब तैयार किया गया?
- क्या सुप्रीम कोर्ट और विधानसभा अध्यक्ष के सामने सुनवाई आपने जो दस्तावेज पेश किए उन दस्तावेजों को वेरीफाईड करवाया गया था?
- आपने जो अयोग्यता याचिका दायर की है क्या ये उन दस्तावेजों की मूल प्रति है?
- क्या आपने इस कॉपी को सुप्रीम कोर्ट और यहां विधानसभा अध्यक्ष के सामने सत्यापित नहीं किया है?
- व्हिप पर जो तारीख लिखी हुई है वो किसने लिखा?
- ओरिजनल कॉपी देखने के बाद जो डेट ओरिजनल पर दिखाई दे रहा है वो ज़ेरॉक्स कॉपी पर क्यों नही दिखाई दे रहा है?
- 19 और 20 जून के मीटिंग के लिए प्रस्ताव किसने तैयार किया था?
- मीटिंग में प्रस्ताव किसने पेश किया था?
- 21 जून 2022 के दिन सभी विधायक विशेष तौर पर तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कई विधायकों को एकनाथ शिंदे को मनाने के लिए भेजा था.
- बीच में मध्यस्थता करने के लिए भेजा था तो फिर ये कैसे संभव है कि दोपहर 12 से शाम 4.30 के बीच एकनाथ शिंदे को उनके पोस्ट से हटाने के प्रस्ताव पर कोई हस्ताक्षर कर सकता है?
पहला व्हिप जारी किए जाने को लेकर और दूसरा 19 और 20 जून 2022 के दिन विधानमंडल के नेता को लेकर मीटिंग बुलाना और प्रस्ताव पास किए जाने को लेकर सुनील प्रभु से सवाल किया गया वो सवालों का सही ढंग से जवाब नहीं दे पा रहे थे. मीटिंग के संदर्भ में सुनील प्रभु ने विधानसभा अध्यक्ष को जो हलफनामा सौंपा है. उसमें उनका कहना है कि 19 और 20 जून 2022 को जो मीटिंग बुलाई गई, प्रस्ताव पास किया गया उसमे मंत्री दादा भुसे, मंत्री उदय सामंत और संजय राठोड़ के हस्ताक्षर थे, लेकिन वहीं दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट में दिए गए हलफनामे में सुनील प्रभु ने ये कहा है कि, मीटिंग में दादा भुसे और संजय राठौड़ मौजूद नहीं थे.
‘व्हाट्सएप के जरिए भेजा गया था फिल मिला क्यों नहीं’
सुनील प्रभु दो अलग-अलग बात कर रहे है. व्हिप जारी किए जाने को लेकर सुनील प्रभु का ये कहना था कि कई विधायकों को व्हाट्सएप के जरिए व्हिप भेजा गया. अगर व्हाट्सएप के जरिए भी व्हिप भेजा गया होता तो हमें मैसेज मिला रहता और रिसीव और ब्लू टिक दिखाई देता, लेकिन हमें व्हीप मिला ही नहीं. हम शुरुआत से यही बात कहते आ रहे है.
28 नवंबर से 3 दिसंबर तक लगातार होगी सुनवाई
बता दें कि शिवसेना विधायकों के अयोग्यता वाले मामले को लेकर 22 नवंबर से 24 नवंबर और तीन दिनों के अवकाश के बाद 28 नवंबर से 3 दिसंबर तक लगातार सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को अयोग्यता मामले की सुनवाई 31 दिसंबर तक पूरी करनी है.