जयपुर. बहुचर्चित इंटरनेशनल गोल्ड तस्कर जीतू सोनी उर्फ जितेन्द्र सोनी आखिरकार पकड़ा गया है. राजस्व खुफिया निदेशालय ने उसे धरदबोचा है. तस्कर जीतू सोनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोस्ट वांटेड था. वह अब तक करीब 175 करोड़ रुपये के 250 किलो सोने की तस्करी कर चुका है. तस्कर जितेन्द्र सोनी गोल्ड तस्करी के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़ा हुआ है. गोल्ड स्मगलर जीतू सोनी दुबई, मस्कट, रियाद और शारजहां जैसे खाड़ी देशों से सोने की तस्करी करता है.
जीतू उसके बाद इस सोने को राजस्थान के शेखावाटी के सीकर, झुंझुनूं और फतेहपुर समेत जयपुर तथा मारवाड़ में खपाता है. जितेंद्र सोनी मूलतया सीकर का रहने वाला है. DRI ने उसे पकड़ने के लिए विशेष ऑपरेशन चलाया था. जीतू सोनी की गिरफ्तारी डीआरआई के लिए बड़ी कामयाबी मानी जा रही है. जितेन्द्र सोनी को गिरफ्तार करने के बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया. वहां से उसे जेल भेज दिया गया है.
लंबे समय से खुफिया एजेंसियों की रडार पर था जीतू
जीतू सोनी काफी समय से सोना तस्करी में सक्रिय है. वह लंबे समय से खुफिया एजेंसियों की रडार पर था. अब तक की जांच के मुताबिक जीतू सोनी अन्य तस्करों के साथ मिलकर लगभग 150 करोड़ रुपये की कीमत के 250 किलो से ज्यादा सोने की तस्करी करवा चुका है. वह दुबई, मस्कट, शारजाह और रियाद जैसे अलग अलग खाड़ी देशों की तस्करी की सिंडिकेट में शामिल तस्करों से सोना खरीदता है. उसके बाद वह उस सोने को ज्वेलर्स को बेच देता है. खुफिया एजेंसी तस्करी में शामिल इन आरोपियों का नेटवर्क खंगालने में जुटी हुई है.
मजदूरों को लालच देकर उन्हें कैरियर के रूप में काम में लिया जाता है
विभागीय जांच में सामने आया की सोना तस्कर जीतू सोनी की ओर से संचालित सिंडिकेट के सदस्यों द्वारा सीकर, चूरू और नागौर के गरीब मजदूरों को लालच देकर उन्हें कैरियर के रूप में काम में लिया जाता है. अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से मलाशय में पेस्ट बनाकर या विभिन्न खुफिया तरीसे गोल्ड छिपाकर इंडिया लाया जाता है.
बेरोजगारों को बड़े सपने दिखाकर खाड़ी देश भेज देते हैं
ये तस्कर कमाई के बड़े सपने दिखाकर बेरोजगारों को खाड़ी देश भेज देते हैं. वहां से वापस आते समय उन पर सोने की तस्करी में कैरियर बनने का दबाव बनाया जाता है. मजबूरी में बेरोजगार तस्करों की शर्त मानने पर मजबूर हो जाता है और अनचाहे ही इनके लिए टूल बन जाता है. इसी का ये फायदा उठाते हैं. बहरहाल तस्कर जीतू सोनी के पकड़ में आ जाने से डीआरआई ने राहत की सांस ली है.