हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के पीछे सबसे बड़ी भूमिका निर्दलीय और छोटे दलों ने निभाई है. इनकी वजह से राज्य की क़रीब 14 सीटों पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है.
चुनाव आयोग के आंकड़े बताते हैं कि इसी साल हुए लोकसभा चुनावों में 'अन्य' के खाते में 2 फ़ीसदी से भी कम वोट आए थे. जबकि इस बार के विधानसभा चुनावों में यह आंकड़ा क़रीब 12 फ़ीसदी तक पहुंच गया.
‘अन्य’ की श्रेणी में आने वाले उम्मीदवारों में मूल रूप से निर्दलीय और कुछ अन्य छोटे दल शामिल हैं.
इस बार के विधानसभा चुनावों में दोनों दलों के बीच वोटों का अंतर एक फ़ीसदी से भी कम है, फिर भी बीजेपी 48 सीटें जीतने में क़ामयाब रही है, जबकि कांग्रेस को 37 सीटें ही मिली हैं.दनों प्रमुख दलों के बीच वोटों में इतना कम अंतर होने के बाद भी बीजेपी के बड़े फ़ायदे के पीछे छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों की बड़ी भूमिका है.